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Monday 17 December 2012

किन्नरों का शहर !

दिल्ली में एक लड़की के साथ चलती बस में छह लोग गैंगरेप करते हैं। हमे गुस्सा क्यों नहीं आता ?
हाँ, भारत जब इंग्लैंड से 4-0 से सीरीज हारता है तब हम गुस्सा होते हैं।
उस लड़की के साथ चलती बस में ये सब होता है। क्या सड़को पर कोई नहीं था जिसने उसकी आवाज सुनी हो ? हमे गुस्सा क्यों नहीं आता ?
हाँ, सचिन तेंदुलकर आउट ऑफ़ फॉर्म हैं, इस बात पर गुस्सा आता है।
लड़की के साथ मौजूद दोस्त ने जब रोकने की कोशिश की तो उसके सर पर रॉड से हमला किया गया। हमे गुस्सा क्यों नहीं आता ?
हाँ, आमिर खान की फिल्म फर्स्ट डे फर्स्ट शो नहीं देख पाए, इस पर गुस्सा आता है।
अपराधियों ने लड़का-लड़की दोनों के कपड़े उतार कर उन्हें चलती बस से फेक दिया, हमे गुस्सा क्यों नहीं आता ?
हाँ, केबीसी में नंबर नहीं लगा, इस बात पर गुस्सा आता है।
लड़की एक मेडिकल स्टूडेंट थी जो यहाँ सिर्फ इंटर्नशिप करने दिल्ली आई थी। अब खुद एक पेशेंट है जिसकी हालत सीरियस है, हमे गुस्सा फिर भी नहीं आता ?
हाँ, गर्लफ्रेंड से लड़ाई हो गई उस पर भी गुस्सा आता है।
हम अपने आप से शकल कैसे मिला पाते हैं, रात को चैन से सो कैसे सकते हैं, जब किसी और की इज्ज़त हमारी देश की राजधानी दिल्ली में लुट रही होती है।